'इफ्फी':
'दायरा' का वाकया फिरसे होगा?
अब जब मराठी फिल्म 'न्यूड' और मलयालम फिल्म 'एस दुर्गा' इस बार के हमारे '४८ वे भारतीय आंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह' ('इफ्फी', गोवा) के 'इंडियन पैनोरमा' से निकालने की खबर है..तब मुझे त्रिवेन्द्रम में १९९७ में हुए 'इफ्फी' का वाकया याद आया!
त्रिवेन्द्रम के उस 'इफ्फी',१९९७ के 'इंडियन पैनोरमा' में अमोल पालेकर की फिल्म 'दायरा' समाविष्ट नहीं की गयी थी; तो उन्होंने वहां अलग थिएटर में उसका पैरलल स्क्रीनिंग किया था..और हमने वहां जा कर वह देखी थी! इसके गीत लिखे गुलज़ार जी भी वहां आए थे!
स्त्री और समाज को अलग दायरे में परखने वाली इस फिल्म में सोनाली कुलकर्णी और निर्मल पांडये की अलग किस्म की वैशिष्ट्यपूर्ण भूमिकाएं थी! बाद में यह फिल्म कहाँ रिलीज़ हुई पता नहीं!
- मनोज कुलकर्णी
('चित्रसृष्टी', पुणे)
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