भारतीय सिनेमा की मासूम ख़ूबसूरती..उषा किरण!
- मनोज कुलकर्णी
फ़िल्म 'दाग' (१९५२) में मासूम ख़ूबसूरत उषा किरण की रूमानी अदा! |
फ़िल्म 'पतिता' (१९५३) के "याद किया दिलने .. " गाने में उषा किरण और देव आनंद! |
"याद किया दिलने
कहाँ हो तुम.."
'पतिता' इस साठ साल पहले बनी अमिया चक्रवर्ती की क्लासिक फिल्म का यह गाना जब सुनते हैं तब..देव आनंद के साथ वह परदे पर तरल रूमानी भाव से साकार करने वाली मराठी तारका याद आती है.. उषा किरण!
भारतीय सिनेमा के सुनहरे काल में हिंदी और मराठी फिल्मों के परदे पर एकही वक़्त छा जानेवाली..मासूम चेहरे की खूबसूरत अदाकारा थी उषा किरण!..आज उनका जनमदिन!
हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'मुसाफीर' (१९५७) में उषा किरण और दिलीपकुमार! |
मराठी रंगभूमीपर 'आशीर्वाद' जैसे नाटकों से अभिनय की शुरुआत करनेवाली उषा किरण ने १९४८ में प. उदयशंकर की परदे पर आयी क्लासिक नृत्य-नाटिका 'कल्पना' से हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया! उसके बाद 'बादबान' (१९५४) जैसी दर्जेदार फिल्मों में उन्होंने बखूबी भूमिकाएं अदा की..जिसके लिए उन्हें सम्मान भी प्राप्त हुए. इसके साथ उल्लेखनीय की अभिनयसम्राट दिलीपकुमार ('दाग'/१९५२) और देव आनंद ('पतिता'/१९५३), राज कपूर ('नज़राना'/१९६१) जैसे मशहूर अभिनेताओं के सामने उन्होंने अपना अभिनय दर्शाया!
माधव शिंदे की मराठी फिल्म 'शिकलेली बायको' (१९५९) में उषा किरण! |
मराठी में दत्ता धर्माधिकारी की 'स्त्री जन्मा ही तुझी कहाणी' (१९५२), राम गबाले की 'पोस्टातील मुलगी' (१९५४) और माधव शिंदे की 'शिकलेली बायको' (१९५९), 'कन्यादान' (१९६०) जैसी फिल्मों में उन्होंने समाज में स्त्री का स्थान दर्शानेवाली तथा प्रागतिक विचारोंकी भूमिकांए स्वाभाविकता से साकार की. इसमें सूर्यकांत जैसे जानेमाने अभिनेता उनके साथ थे!
१९७० के बाद उन्होंने चरित्र भूमिकाएं करना शुरू किया! उनकी बेटी तन्वीजी (आज़मी) भी हिंदी सिनेमा में अपना अच्छा अभिनय दर्शाती आयी हैं..और अब हाल ही में उनकी पोती सैयामी खेर ने भी 'मिर्ज़ियाँ' फ़िल्म से परदे पर कदम रखा हैं!
मराठी फिल्म 'कन्यादान' (१९६०) में सूर्यकांत के साथ उषा किरण! |
उन्हें जनमदिन पर अभिवादन!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी, पुणे]
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